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राजा राव रतन का महल, बुरहानपुर मध्य प्रदेश, Raja rao ratan Mahal burhanpur madhy pradesh

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 बूंदी नरेश राजा रावरतन चौहान वंशीय थे। वे रायसिंह चौहान के 17वें वंशीय थे। बादशाह जहांगीर के खिलाफ सन 1579 में दक्षिण में शाहजहां खुर्रम ने विद्रह किया था। इसी विद्रोह को दबाने के लिए जहांगीर ने राजा रावरतन को दक्षिण में भेजा था। बुरहानपुर के निकट राजा रारतन और शाहजहां खुर्रम के बीच युद्ध हुआ। इस युद्ध में खुर्रम को पराजय का सामना करना पड़ा। इसके बाद राजा रावरतन को बादशाह जहांगीर ने बुरहानुर का शासन घोषित किया। अपने शासन में राजा रावरतन ने कई सराहनीय काम शासन में सख्ती करने के लिए किए। साथ ही बुरहानुपर के पास रतनपुर नाम से उपनगर बसाया। राजा रावरतन जीवन के अंतिम क्षणों तक बुरहानपुर के शासक रहे।   राजा रावरतन ने अपने शासनकाल में उत्कृष्ट महल बनवाए। इन राजप्रासादों के भग्नावशेष नगर बुरहानपुर के पास आज भी विद्यमान है। खंडित अवस्था में मौजूद भवनों, महलों की शिल्प व निर्माण कला उत्कृष्ट थी। ये राजमहल अपने युग मकें सुंदर और अनूठे रहे होंगे। इतना ही नहीं बल्कि इन महों के दर-ओ-दीवार से लिपटी यादें राजा रावरतन के शौर्य, राजभक्ति और कर्तव्य निष्ठा की गाथाएं मुक्तवणाी से कहती सी लगती है। महल के न